लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में
इतना सा फ़साना है
बस्ती भी जलानी है
मातम भी मनाना है
# बसीम बरेलवी #
अभी मयान में तलवार मत रखो अपनी
अभी तो शहर में इक बे -कुसूर बाक़ी है
# सरफ़राज़ अमरोही #
मंदिर- मस्जिद-गिरिजाघर ने
बाँट लिया भगवान को
धरती बांटी ,अम्बर बांटा
मत बांटो इंसान को
#विनय महाजन #
बस्ती में अपनी जो हिन्दू- मुसलमान बस गए
इंसान की शक़ल देखने को हम तरस गए
# कैफ़ी आजमी #
धर्म ग्रन्थ सब जला चुकी है जिस के अंदर की ज्वाला
मंदिर मस्जिद गिरिजे सब को तोड़ चुका जो मतवाला
पंडित, मोमिन, पादरियों के फंदों को जो काट चुका
कर सकती है आज उसी का स्वागत मेरी मधुशाला
# हरिवंश राय "बच्चन "#
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
# इक़बाल #
तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में
# बशीर बदर #
इस दौर-ए -सियासत काइतना सा फ़साना है
बस्ती भी जलानी है
मातम भी मनाना है
# बसीम बरेलवी #
अभी मयान में तलवार मत रखो अपनी
अभी तो शहर में इक बे -कुसूर बाक़ी है
# सरफ़राज़ अमरोही #
मंदिर- मस्जिद-गिरिजाघर ने
बाँट लिया भगवान को
धरती बांटी ,अम्बर बांटा
मत बांटो इंसान को
#विनय महाजन #
बस्ती में अपनी जो हिन्दू- मुसलमान बस गए
इंसान की शक़ल देखने को हम तरस गए
# कैफ़ी आजमी #
मंदिर मस्जिद गिरिजे सब को तोड़ चुका जो मतवाला
पंडित, मोमिन, पादरियों के फंदों को जो काट चुका
कर सकती है आज उसी का स्वागत मेरी मधुशाला
# हरिवंश राय "बच्चन "#
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
# इक़बाल #
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